उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से तत्काल प्रभाव से दिया इस्तीफा
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जानें इस्तीफे की पूरी वजह और राजनीतिक हलचलों पर इसका संभावित असर।
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जानें इस्तीफे की पूरी वजह और राजनीतिक हलचलों पर इसका संभावित असर।
संसद का मानसून सत्र 2025 पहले दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने Pahalgam आतंकी हमला, Operation Sindoor और विदेश नीति पर चर्चा की मांग करते हुए प्रधानमंत्री की मौजूदगी की मांग की।
संसद का मानसून सत्र 2025 का पहला दिन विपक्षी प्रदर्शन, महंगाई, बेरोज़गारी, कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर तीखी बहस और सरकार का रुख पेश करता है।
बिहार विधानसभा के मानसून सत्र 2025 में RJD, कांग्रेस और CPI ने बेरोज़गारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर जोरदार विरोध दर्ज कराया। जानिए पूरा घटनाक्रम और सरकार की प्रतिक्रिया।
“बर्थडे पर बेल नहीं, बेलगाम गिरफ्तारी!” – चैतन्य बघेल की ED रेड ने मचा दी राजनीतिक खलबली रायपुर, जुलाई 18, 2025 – छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर इस बार बर्थडे का केक नहीं, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की फाइलें और नोटिसों का ढेर निकला। उनके बेटे चैतन्य बघेल को आज सुबह ईडी ने गिरफ्तार कर लिया — और वो भी उसी दिन, जिस दिन उनका जन्मदिन था। सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ एक संयोग था? या फिर कोई ‘राजनीतिक गिफ्ट’? सुबह-सुबह दरवाज़े पर दस्तक, पार्टी से पहले पर्चा! भिलाई स्थित बघेल परिवार के बंगले पर जब सुबह तीन गाड़ियों में ईडी की टीम पहुँची, तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि बर्थडे बॉय खुद जांच एजेंसी के निशाने पर है। एक ओर परिवार जन्मदिन की तैयारियों में जुटा था, वहीं दूसरी ओर ईडी के अफसरों ने घर को छावनी में बदल दिया। छोटे बेटे चैतन्य पर आरोप है कि वो राज्य में हुए शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा रहे हैं। करोड़ों की रकम फर्जी कंपनियों और खातों के जरिए घुमाई गई, और जांच एजेंसी के अनुसार इस पूरे घोटाले की एक बड़ी कड़ी चैतन्य बघेल हैं। पार्टी नहीं, पूछताछ रूम की सजावट मिली परिवार ने सोचा था कि बेटे का बर्थडे खास होगा। लेकिन चैतन्य को सीधे रायपुर ईडी दफ्तर ले जाया गया, जहां घंटों चली पूछताछ के बाद गिरफ्तारी हुई। जन्मदिन पर गिरफ्तारी का ये ‘टाइमिंग’, आम जनता से लेकर सोशल मीडिया यूजर्स तक सभी को चौंका गया। ट्विटर पर #ChaitanyaBaghel, #EDArrest और #LiquorScam ट्रेंड करने लगे। भूपेश बघेल का हमला – “धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, बेटे को बर्थडे गिफ्ट देने के लिए” गुस्साए भूपेश बघेल ने तुरंत केंद्र सरकार और ईडी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद, मेरे बेटे को ऐसा जन्मदिन गिफ्ट देने के लिए।” उनका साफ आरोप है कि ये राजनीतिक प्रतिशोध है। बघेल ने दावा किया कि विधानसभा सत्र के पहले जानबूझकर ये कार्रवाई की गई, ताकि विपक्ष को दबाया जा सके और बड़े मुद्दों (जैसे अडानी की कोयला खदान परियोजना) से ध्यान भटकाया जा सके। लेकिन ये शराब घोटाला है क्या? ED के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में सरकारी शराब दुकानों से करोड़ों की रकम फर्जी तरीके से इकट्ठा की गई। नकली रसीदें दलालों के जरिए काले पैसे की निकासी और इन पैसों का कथित उपयोग निजी संपत्तियों और राजनीतिक फायदे के लिए किया गया इस पूरे नेटवर्क में कथित रूप से कई बड़े अफसर, कारोबारी और अब चैतन्य बघेल भी शामिल पाए गए हैं। सोशल मीडिया पर मीम्स और गुस्सा – “पार्टी में पंडाल नहीं, पैन ड्राइव निकली!” जैसे ही गिरफ्तारी की खबर आई, सोशल मीडिया पर बाढ़ आ गई। कुछ ने कहा – “बर्थडे पार्टी में जब केक की जगह ईडी का नोटिस आए, तो समझिए राजनीति पकी है।” दूसरों ने लिखा – “जन्मदिन पर इतना बड़ा गिफ्ट? पीएमओ की तरफ से स्पेशल डिलीवरी थी क्या?” कांग्रेस का मोर्चा खुला – “ED मतलब Election Department?” कांग्रेस नेताओं ने इस कार्रवाई को सीधे चुनाव से पहले राजनीतिक दबाव का हिस्सा बताया है। उनका आरोप है कि जैसे-जैसे छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, बीजेपी सरकार ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का इस्तेमाल कर विपक्ष को डराने का काम कर रही है। एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने गुस्से में कहा – “जब चुनाव आता है तो बीजेपी के पास सिर्फ तीन चीज़ें बचती हैं – ‘ED, IT, और Godi Media’।” BJP का पलटवार – “कानून सबके लिए बराबर” वहीं भाजपा का कहना है कि जो भी भ्रष्टाचार करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। पार्टी ने स्पष्ट किया कि ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और उसके पास ठोस सबूत हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा – “कानून अपना काम कर रहा है। अगर बघेल परिवार निर्दोष है, तो अदालत में साबित करें।” क्या होगा आगे? चैतन्य बघेल को कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी उसकी कस्टडी बढ़ाने की मांग करेगी ताकि आगे की पूछताछ हो सके। कांग्रेस इसे अब एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाएगी। भूपेश बघेल खुद इस लड़ाई को “लोकतंत्र बनाम सत्ता” के रूप में पेश करने की तैयारी में हैं। निष्कर्ष: राजनीति का नया ‘बर्थडे बम’ चैतन्य की गिरफ्तारी भले ही एक कानूनी कार्रवाई हो, लेकिन इसकी टाइमिंग, प्रभाव और राजनीतिक संदर्भ ने इसे एक बड़ी खबर बना दिया है। जहां एक पिता बेटे के जन्मदिन पर खुशियां बांटना चाहता था, वहीं दूसरी तरफ राजनीति और सत्ता की गाड़ी कुछ और ही दिशा में दौड़ रही थी। बढ़ती राजनीति, गर्माती सड़कें, और एक युवा की गिरफ्तारी – यह सब कुछ बता रहा है कि 2025 का छत्तीसगढ़, सिर्फ चुनावी रण नहीं, राजनीतिक ड्रामा का हॉटस्पॉट बनने वाला है।
बिहार में बिजली क्रांति! नीतीश ने किया ऐतिहासिक ऐलान – बिजली बिल बिलकुल माफ़ पटना | 17 जुलाई 2025बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा तोहफा दिया है: 1 अगस्त, 2025 से राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली बिल से पूरी तरह माफ होगी। यह घोषणा उन्होंने अपने X (पूर्व Twitter) अकाउंट पर करते हुए की, जिससे 1.67 करोड़ परिवारों को तुरंत लाभ होगा । “हम शुरुआत से ही लोगों को सस्ती दरों पर बिजली देते आए हैं। अब 1 अगस्त 2025 से, यानी जुलाई माह के बिल से ही, हर घरेलू उपभोक्ता को 125 यूनिट तक बिजली के लिए कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा।” —नीतीश कुमार ट्रेंडिंग कीवर्ड्स और सोशल मीडिया रिएक्शन साथ ही Twitter/X पर #BiharFreeElectricity, #FreePower125Units, #NitishKumar, #FixEnergyBills जैसे टैग्स चल रहे हैं — जिससे स्पष्ट होता है कि जनता इस घोषणा का स्वागत कर रही है।लोकल और नेशनल प्लेटफॉर्म पर लोग इस पर इलेक्शन से पहले जनता को दी गई बड़ी राहत करार दे रहे हैं ‘सोलर पावर प्लान’ भी आ गया साथ में नीतीश ने आगे बताया कि आने वाले तीन वर्षों में, चाहे तो उपभोक्ता की छत पर, या पास के सार्वजनिक स्थल पर सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे — सुविधा के लिए पूरी वित्तीय मदद सरकार की ओर से दी जाएगी, खासकर ‘कुटीर ज्योति योजना’ के अंतर्गत बेहद गरीब परिवारों के लिए यह मुफ्त होगा। इसके लक्ष्य के अनुसार, बिहार को अगले तीन सालों में 10,000 मेगावाट तक सौर ऊर्जा प्राप्त हो जाएगी व्यापक प्रभाव: कौन-क्या पाएगा लाभ? श्रेणी फायदा गरीब घर 125 यूनिट तक बिजली बिल से पूरी तरह छूट मध्यम कंस्यूमर सरकारी सहायता से सोलर प्लांट लगवाने की सुविधा राज्य में ऊर्जा आत्मनिर्भरता 10,000 मेगावाट सोलर पावर का निर्माण संभव होगा महंगाई राहत नियमित बिजली बिल में बचत, विशेषकर इस गर्मी में ये फैसले सिर्फ बिजली बचत तक सीमित नहीं है — बल्कि हर घर तक स्वच्छ, मुफ्त ऊर्जा पहुंचाने की ओर बड़ा कदम है क्या है विरोध का स्वर? विपक्ष ने इस घोषणा को लोकल चुनावी रणनीति के रूप में देखा है। कुछ नेताओं ने इसे “copycat” और “जनतादानी” करार दिया है, यह कहते हुए कि इसी तरह की मुफ्त बिजली योजना पहले भी अन्य राज्यों में घोषित की गई थी । ABP Live पर प्रियंका चतुर्वेदी ने तंज कसा— “इलेक्शन आया, रेवड़ी का मौसम साथ लाया!” दूसरी ओर, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इसे राज्य के गरीबों के लिए क्रांतिकारी फैसला बताया, जिसमें 1.67 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा और सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा VoxDesh का विश्लेषण: क्या यह दीर्घकालिक सोच है? यह लोकल सस्ता बिजली बिल की पहल है लेकिन साथ में सौर ऊर्जा का व्यापक रोल जोड़कर इसे पर्यावरण-मैत्रीवत और टिकाऊ बनाया गया है। हालांकि राजनीतिक विपक्ष इसे “attempt to woo voters before polls” करार दे रहा है, लेकिन योजना के सोलर प्लांट्स और दीर्घकालिक ऊर्जा लक्ष्य इसे सिर्फ चुनावी हथकंडा नहीं दिखाते, बल्कि दीर्घकालिक विजन जैसा जोड़ते हैं। VoxDesh Verdict Positive impact: 1.67 करोड़ घरों को प्रतिमाह 125 यूनिट फ्री बिजली — सीधे आर्थिक राहत। Sustainability focus: सोलर ऊर्जा पर ध्यान, पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा। Election-ready?: विपक्ष की आलोचना राजनीतिक तर्क हो सकती है — लेकिन योजना का विस्तार आने वाले भविष्य की ज़रुरत है। इस योजना से जाहिर है कि अब ‘Green Energy’ और ‘Free Electricity’ दोनों ही चुनावी और विकास दोनों एजेंडे का हिस्सा बन गए हैं। अंतिम शब्द बिहार जस्ता राज्य डिजिटल इंडिया और ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत की कहानी को गढ़ रहा है।जहां दिल्ली जैसी बड़ी जगहें मुफ्त बिजली की राजनीति करती दिखाई दे रही है, वहाँ बिहार ने 125 यूनिट मुफ्त + सौर ऊर्जा योजनाओं के साथ एक मॉडल संभव किया है। ट्रेंडिंग कीवर्ड्स और सोशल मीडिया रिएक्शन साफ़ रूप से संकेत देते हैं कि जनता को यह घोषणा पसंद आई है। अब वक्त है इसका विस्तार करने का — यही चुनौती और यही मौका दोनों है। आप क्या सोचते हैं?क्या यह बिजली योजना सिर्फ राजनीतिक चाल है, या सच में लंबे समय तक ऊर्जा संकट का समाधान?हमें अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं!