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लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित

संसद मानसून सत्र 2025: पहले दिन हंगामा, विपक्ष ने उठाए Pahalgam आतंकी हमला और Operation Sindoor पर सवाल

नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025 — संसद का मानसून सत्र 2025 सोमवार से शुरू हुआ, लेकिन सत्र का पहला ही दिन भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्षी दलों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए कार्यवाही को बाधित किया और Pahalgam आतंकवादी हमले और Operation Sindoor पर तुरंत चर्चा की मांग की।

लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित

सत्र के आरंभ के कुछ ही समय बाद, लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने सदन के बीचों-बीच आकर नारेबाज़ी शुरू कर दी। उनकी मांग थी कि सरकार Pahalgam हमले के दोषियों को अब तक क्यों नहीं पकड़ पाई है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर सदन में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना चाहिए।

हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही को पहले स्थगित करना पड़ा और अंततः इसे दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

राज्यसभा भी नहीं रही अछूती

राज्यसभा में भी विपक्षी दलों ने हंगामा करते हुए केंद्र सरकार की विदेश नीति, विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर सवाल उठाए जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच “शांति समझौता” कराया है।

केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने राज्यसभा में स्पष्ट किया कि सरकार संसद में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन यह चर्चा संसदीय प्रक्रिया और नियमों के अंतर्गत ही होगी।

ऑल-पार्टी मीटिंग में दिखा टकराव

रविवार को मानसून सत्र से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने स्पष्ट किया कि वे प्रधानमंत्री मोदी से सीधी प्रतिक्रिया चाहते हैं, न कि किसी मंत्री के माध्यम से।

विपक्ष की ओर से यह भी मांग की गई कि बिहार में चल रही Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया, जिसमें मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण किया जा रहा है, उस पर भी संसद में चर्चा होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने इस बैठक में कहा कि यह मानसून सत्र एक प्रकार से “विजय उत्सव” है, क्योंकि देश ने Operation Sindoor के जरिए आतंक के खिलाफ बड़ी जीत हासिल की है।

संसद सत्र में कुल 21 बैठकें

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि लोकसभा और राज्यसभा में किन मुद्दों पर चर्चा होगी, इसका अंतिम निर्णय दोनों सदनों की Business Advisory Committees लेंगी। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र के दौरान कुल 21 बैठकें आयोजित की जाएंगी।

विपक्ष की रणनीति

इस सत्र में विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई है:

  • Pahalgam हमला: इसमें अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी न होना सरकार की नाकामी के रूप में पेश किया जा रहा है।
  • Operation Sindoor: सरकार की सैन्य कार्रवाई को लेकर पारदर्शिता की मांग।
  • विदेश नीति: अमेरिका जैसे देशों के हस्तक्षेप पर सवाल।
  • बेरोज़गारी और महंगाई: आम जनता से जुड़े मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा।

सरकार की तैयारी

सरकार की ओर से यह संकेत दिए गए हैं कि वे बहस के लिए तैयार हैं, लेकिन वे इसे नियमबद्ध ढंग से करना चाहती हैं। रक्षा, आंतरिक सुरक्षा और विदेश नीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार नियमों के तहत बहस के पक्ष में है ताकि कोई गलत संदेश बाहर न जाए।

क्या उम्मीद की जा सकती है आगे?

इस सत्र में सरकार कुछ अहम विधेयकों को भी पारित कराने की योजना में है, जिनमें से कई कानून सामाजिक सुधार, डिजिटल ट्रांजैक्शन, और कृषि क्षेत्र से जुड़े हैं। परंतु विपक्ष के विरोध और हंगामे के कारण इनपर चर्चा कराना सरकार के लिए आसान नहीं होगा।

निष्कर्ष

संसद का यह मानसून सत्र शुरू से ही तीखा बन चुका है। एक ओर सरकार खुद को “Vijay Utsav” के रूप में पेश कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे आम जनता की समस्याओं और राष्ट्रीय सुरक्षा की विफलताओं को उजागर करने का मंच बना रहा है। आगे देखना होगा कि दोनों पक्षों के बीच सहमति बनती है या यह सत्र हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा।

डिस्क्लेमर:

यह लेख जनहित और समाचार प्रयोजन हेतु तैयार किया गया है। इसमें प्रस्तुत जानकारी सार्वजनिक रिपोर्टिंग और समाचार घटनाओं के आधार पर है। इसमें किसी आधिकारिक या निजी स्रोत की जानकारी को उद्धृत नहीं किया गया है। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी निर्णय से पहले संबंधित विभाग या अधिकारिक जानकारी की पुष्टि अवश्य करें।

 

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