
“बर्थडे पर बेल नहीं, बेलगाम गिरफ्तारी!” – चैतन्य बघेल की ED रेड ने मचा दी राजनीतिक खलबली
रायपुर, जुलाई 18, 2025 –
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर इस बार बर्थडे का केक नहीं, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की फाइलें और नोटिसों का ढेर निकला। उनके बेटे चैतन्य बघेल को आज सुबह ईडी ने गिरफ्तार कर लिया — और वो भी उसी दिन, जिस दिन उनका जन्मदिन था।
सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ एक संयोग था? या फिर कोई ‘राजनीतिक गिफ्ट’?
सुबह-सुबह दरवाज़े पर दस्तक, पार्टी से पहले पर्चा!
भिलाई स्थित बघेल परिवार के बंगले पर जब सुबह तीन गाड़ियों में ईडी की टीम पहुँची, तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि बर्थडे बॉय खुद जांच एजेंसी के निशाने पर है।
एक ओर परिवार जन्मदिन की तैयारियों में जुटा था, वहीं दूसरी ओर ईडी के अफसरों ने घर को छावनी में बदल दिया।
छोटे बेटे चैतन्य पर आरोप है कि वो राज्य में हुए शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा रहे हैं। करोड़ों की रकम फर्जी कंपनियों और खातों के जरिए घुमाई गई, और जांच एजेंसी के अनुसार इस पूरे घोटाले की एक बड़ी कड़ी चैतन्य बघेल हैं।
पार्टी नहीं, पूछताछ रूम की सजावट मिली
परिवार ने सोचा था कि बेटे का बर्थडे खास होगा। लेकिन चैतन्य को सीधे रायपुर ईडी दफ्तर ले जाया गया, जहां घंटों चली पूछताछ के बाद गिरफ्तारी हुई।
जन्मदिन पर गिरफ्तारी का ये ‘टाइमिंग’, आम जनता से लेकर सोशल मीडिया यूजर्स तक सभी को चौंका गया। ट्विटर पर #ChaitanyaBaghel, #EDArrest और #LiquorScam ट्रेंड करने लगे।
भूपेश बघेल का हमला – “धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, बेटे को बर्थडे गिफ्ट देने के लिए”
गुस्साए भूपेश बघेल ने तुरंत केंद्र सरकार और ईडी पर निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद, मेरे बेटे को ऐसा जन्मदिन गिफ्ट देने के लिए।”
उनका साफ आरोप है कि ये राजनीतिक प्रतिशोध है। बघेल ने दावा किया कि विधानसभा सत्र के पहले जानबूझकर ये कार्रवाई की गई, ताकि विपक्ष को दबाया जा सके और बड़े मुद्दों (जैसे अडानी की कोयला खदान परियोजना) से ध्यान भटकाया जा सके।
लेकिन ये शराब घोटाला है क्या?
ED के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में सरकारी शराब दुकानों से करोड़ों की रकम फर्जी तरीके से इकट्ठा की गई।
- नकली रसीदें
- दलालों के जरिए काले पैसे की निकासी
- और इन पैसों का कथित उपयोग निजी संपत्तियों और राजनीतिक फायदे के लिए किया गया
इस पूरे नेटवर्क में कथित रूप से कई बड़े अफसर, कारोबारी और अब चैतन्य बघेल भी शामिल पाए गए हैं।
सोशल मीडिया पर मीम्स और गुस्सा – “पार्टी में पंडाल नहीं, पैन ड्राइव निकली!”
जैसे ही गिरफ्तारी की खबर आई, सोशल मीडिया पर बाढ़ आ गई।
कुछ ने कहा –
“बर्थडे पार्टी में जब केक की जगह ईडी का नोटिस आए, तो समझिए राजनीति पकी है।”
दूसरों ने लिखा –
“जन्मदिन पर इतना बड़ा गिफ्ट? पीएमओ की तरफ से स्पेशल डिलीवरी थी क्या?”
कांग्रेस का मोर्चा खुला – “ED मतलब Election Department?”
कांग्रेस नेताओं ने इस कार्रवाई को सीधे चुनाव से पहले राजनीतिक दबाव का हिस्सा बताया है।
उनका आरोप है कि जैसे-जैसे छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, बीजेपी सरकार ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का इस्तेमाल कर विपक्ष को डराने का काम कर रही है।
एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने गुस्से में कहा –
“जब चुनाव आता है तो बीजेपी के पास सिर्फ तीन चीज़ें बचती हैं – ‘ED, IT, और Godi Media’।”
BJP का पलटवार – “कानून सबके लिए बराबर”
वहीं भाजपा का कहना है कि जो भी भ्रष्टाचार करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। पार्टी ने स्पष्ट किया कि ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और उसके पास ठोस सबूत हैं।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा –
“कानून अपना काम कर रहा है। अगर बघेल परिवार निर्दोष है, तो अदालत में साबित करें।”
क्या होगा आगे?
- चैतन्य बघेल को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
- ईडी उसकी कस्टडी बढ़ाने की मांग करेगी ताकि आगे की पूछताछ हो सके।
- कांग्रेस इसे अब एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाएगी।
- भूपेश बघेल खुद इस लड़ाई को “लोकतंत्र बनाम सत्ता” के रूप में पेश करने की तैयारी में हैं।
निष्कर्ष: राजनीति का नया ‘बर्थडे बम’
चैतन्य की गिरफ्तारी भले ही एक कानूनी कार्रवाई हो, लेकिन इसकी टाइमिंग, प्रभाव और राजनीतिक संदर्भ ने इसे एक बड़ी खबर बना दिया है।
जहां एक पिता बेटे के जन्मदिन पर खुशियां बांटना चाहता था, वहीं दूसरी तरफ राजनीति और सत्ता की गाड़ी कुछ और ही दिशा में दौड़ रही थी।
बढ़ती राजनीति, गर्माती सड़कें, और एक युवा की गिरफ्तारी – यह सब कुछ बता रहा है कि 2025 का छत्तीसगढ़, सिर्फ चुनावी रण नहीं, राजनीतिक ड्रामा का हॉटस्पॉट बनने वाला है।